कैथी लिपि | Kaithi Script भारत के ज्यादातर भागों में भूमि को मापने के लिए गज, हाथ, गट्ठा, ज़रीब, बिस्वा, कट्ठा, धूर, धुरकी, छुरकी, किल्ला, एकड़, हेक्टेयर, आदि मात्रकों का प्रयोग किया जाता है। उत्तरी भारत में भूमि मापन बीघा, बिस्वा, मारला, कनाल, कट्ठा, धूर, धुरकी, छुरकी, हाथ, आदि इकाइयों में किया जाता है, जबकि दक्षिणी राज्यों में उपयोग की जाने वाली इकाइयों में ग्राउंड, सेंट, अंकनम, गुंठा, आदि शामिल हैं। बीघा, बिस्वा, कट्ठा, आदि इकाइयों के आकार भी भिन्न-भिन्न हैं। इतना ही नहीं, भूमि मापन में प्रयोग की जाने वाली जरीब भी भिन्न-भिन्न है। जरीब पाँच प्रकार के होते हैं : गन्तरि जरीब = 22 गज = 66 फीट फतेहपुरी जरीब = 44 गज = 132 फीट सहारनपुरी जरीब = 49.5 गज = 148.5 फीट फर्रुखाबादी जरीब = 52 .5 गज = 157.5 फीट शाहजहानी जरीब = 55 गज = 165 फीट भू-माप दो प्रकार से किया जाता है - पक्का माप - यह शाहजहानी जरीब से किया जाता है। कच्चा - यह गंतरि जरीब से करते हैं। कच्चा माप उस क्षेत्र में किया जाता है, जहाँ बंदोबस्ती या चाकबंदी नहीं हो